लेखक:
तत्तोत्त बालकृष्णन
तत्तोत्त बालकृष्णन (जन्म 1935 वटकरा) : शिक्षा एम.ए. बी.एड., हिंदी के प्रधानाध्यापक के पद से सेवानिवृत्त। केरल के हिंदी प्रचारकों में आपका बड़ा स्थान है। 1954 से केरल में आप हिंदी का प्रचार कर रहे हैं। दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा की प्राथमिक से लेकर राष्ट्रभाषा प्रवीण तक की परीक्षाओं के लिए विद्यार्थियों को तैयार करते रहे हैं। हिंदी पत्र-पत्रिकाओं में आपकी कविताएँ और कहानियाँ प्रकाशित होती रही हैं। राजस्थान के नाथद्वारा साहित्य मण्डल द्वारा आपको सम्मानित किया गया। आप की प्रकाशित प्रमुख पुस्तकें है- सरस्वती जब सामने आई (हिंदी कहानी संग्रह), अकबर बीरबल विनोद (मलयालम् बाल साहित्य), आत्म विद्या (हिंदी अनुवाद), भारत के ग्राचीन आचार्य और साहित्य के सिद्धांत (मलयालम्)। |
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